मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
बेहद शानदार...
अत्यन्त आभारी हूं आपकी....
कम शब्द गहरे अहसास... बेहतरीन अभिव्यक्ती...
हार्दिक धन्यवाद...
खूबसूरत भाव ।बढ़िया शब्द -तारतम्य अनोखा ।बधाई ।। बाता-बाती मद भरी, चित्र करे मदहोश ।दीप-शिखा की आंच से, मन-मसोस तन जोश ।मन-मसोस तन जोश, कोष धीरज का जारे ।पिया बसे परदेश, सँदेशा लेता जा रे ।शरद काल की शीत, नहीं सपनों से जाती ।वापस आ मनमीत, भूल के बाता-बाती ।
मेरे मुक्तक पर काव्यात्मक टिप्पणी देने के लिये आभार...
बहुत ही बढ़िया सादर
अनुगृहीत हूं ...
दमदार..
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार....
खूबसूरत...
हार्दिक आभार....
सुन्दर ...शानदार...:-)
आपकी अत्यन्त आभारी हूं....
क्यूँ जले मन दीप जैसा रात के एकांत में ? जागती आँखें निहारे पथ किसी के प्यार के?
प्रेम की पराकाष्ठा है .....सुन्दर...अनु
आपको हार्दिक धन्यवाद....
सुन्दर...बेहतरीन अभिव्यक्ती...
अपने विचारों से अवगत कराने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद...
बहुत सुंदर ....
आपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं...हार्दिक धन्यवाद एवं आभार...
अहसासों की चित्रमय सुंदर अभिव्यक्ति,,,,,,
आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया... हार्दिक धन्यवाद एवं आभार...
बहुत खूब।
यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरा मुक्तक आपको पसन्द आया....बहुत-बहुत आभार......
Each post supersedes the other one! Which one to praise?
Samjh raha hoon har jagah moti mein samander band hai.
बेहद शानदार...
ReplyDeleteअत्यन्त आभारी हूं आपकी....
Deleteकम शब्द गहरे अहसास... बेहतरीन अभिव्यक्ती...
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद...
Deleteखूबसूरत भाव ।
ReplyDeleteबढ़िया शब्द -
तारतम्य अनोखा ।
बधाई ।।
बाता-बाती मद भरी, चित्र करे मदहोश ।
दीप-शिखा की आंच से, मन-मसोस तन जोश ।
मन-मसोस तन जोश, कोष धीरज का जारे ।
पिया बसे परदेश, सँदेशा लेता जा रे ।
शरद काल की शीत, नहीं सपनों से जाती ।
वापस आ मनमीत, भूल के बाता-बाती ।
मेरे मुक्तक पर काव्यात्मक टिप्पणी देने के लिये आभार...
Deleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
अनुगृहीत हूं ...
Deleteदमदार..
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद एवं आभार....
Deleteखूबसूरत...
ReplyDeleteहार्दिक आभार....
Deleteसुन्दर ...शानदार...
ReplyDelete:-)
आपकी अत्यन्त आभारी हूं....
Deleteक्यूँ जले मन दीप जैसा रात के एकांत में ?
ReplyDeleteजागती आँखें निहारे पथ किसी के प्यार के?
मेरे मुक्तक पर काव्यात्मक टिप्पणी देने के लिये आभार...
Deleteप्रेम की पराकाष्ठा है .....
ReplyDeleteसुन्दर...
अनु
आपको हार्दिक धन्यवाद....
Deleteसुन्दर...बेहतरीन अभिव्यक्ती...
ReplyDeleteअपने विचारों से अवगत कराने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद...
Deleteबहुत सुंदर ....
ReplyDeleteआपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं...हार्दिक धन्यवाद एवं आभार...
Deleteअहसासों की चित्रमय सुंदर अभिव्यक्ति,,,,,,
ReplyDeleteआपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया... हार्दिक धन्यवाद एवं आभार...
Deleteबहुत खूब।
ReplyDeleteयह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरा मुक्तक आपको पसन्द आया....बहुत-बहुत आभार......
DeleteEach post supersedes the other one! Which one to praise?
ReplyDeleteSamjh raha hoon har jagah moti mein samander band hai.
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