Showing posts with label Dr Sharad Singh. Show all posts
Showing posts with label Dr Sharad Singh. Show all posts

12 September, 2020

कोशिश करते तो सही | डॉ. शरद सिंह | कविता



कोशिश करते तो सही 

- डॉ. शरद सिंह

    

तुम रखते मेरी हथेली पर 

एक श्वेत पुष्प

और वह बदल जाता 

मुट्ठी भर भात में

तुम पहनाते मेरी कलाई में 

सिर्फ़ एक चूड़ी

और वह ढल जाती

पानी की गागर में

एक क़दम तुम बढ़ते एक क़दम मैं बढ़ती

दिन और रात की तरह हम मिलते 

भावनाओं के क्षितिज पर

तुम रखते मेरे कंधे पर अपनी उंगलियां 

और सुरक्षित हो जाती मेरी देह

तुम बोलते मेरे कानों में कोई एक शब्द

और बज उठता अनेक ध्वनियों वाला तार-वाद्य

सच मानो, 

मिट जाती आदिम दूरियां

भूख और भोजन की

देह और आवरण की

चाहत और स्वप्न की

बस,

तुम कोशिश करते तो सही।

----------


02 May, 2020

शाम ... - डॉ शरद सिंह


शाम कुछ चैन से
गुज़र जाती
जो तेरी याद
गर नहीं आती...
- डॉ शरद सिंह

#शाम #याद #चैन #शायरी #love #shayari #evening #DrSharadSingh #miss_sharad #poetrylovers #Poetry #remember #emotions

02 April, 2019

अलविदा गूगल प्लस .... Good bye Google Plus ... - Dr Sharad Singh

Good bye Google Plus ...
I will Miss You So Much 😢
Google Plus going today to ShutDown...
A friend going to far far away for ever 😢
These were my Google Plus pages ...









03 March, 2019

जो लहज़ा नर्म हो तो ... डॉ शरद सिंह .. ग़ज़ल

Ghazal of Dr ( Miss) Sharad Singh

ग़ज़ल
जो  लहज़ा   नर्म   हो   तो,
बात सबको भा ही जाती है
नज़ाकत   आ  ही  जाती है,
शराफ़त    आ  ही  जाती है
- डॉ शरद सिंह

#शरदसिंह #SharadSingh #Shayari #Ghazal

एक शरारत ही तो की है .. डॉ शरद सिंह .. ग़ज़ल

Ghazal of Dr (Miss) Sharad Singh

अर्ज़ है....
क्यूं मुझको यूं आंख दिखाई
एक  शरारत  ही  तो  की  है
ऐसी   कौन   क़यामत  ढाई
एक  शरारत  ही  तो  की  है
- डॉ शरद सिंह

#शरदसिंह #SharadSingh #Shayari #Ghazal

हसरतों को नया लिबास मिला... डॉ शरद सिंह .. ग़ज़ल

Ghazal of Dr (Miss) Sharad Singh

ग़ज़ल
हसरतों   को  नया   लिबास मिला
आज इक शख़्स ऐसा खास मिला
उसके मिलने से कुछ  हुआ ऐसा
दुश्मनों को भी इक *क़यास मिला
- डॉ शरद सिंह

*अटकल, अनुमान, कल्पना

#शरदसिंह #SharadSingh #Shayari #Ghazal

सूखे पेड़ की मानिंद ... डॉ शरद सिंह ... कविता

Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh


सूखे पेड़ की मानिंद
----------------------
रह गए जो
एक सूखे पेड़ की मानिंद,
उनकी आंखें
सब्ज़ अश्क़ों को
तरसती ही रहीं ...
            - डॉ शरद सिंह

#कविता #शरदसिंह #सूखे_पेड़ #मानिंद #आंखें #सब्ज़ #अश्क़ #SharadSingh #Poetry

25 July, 2018

ख़्वाब में आफ़ताब पलता है ... डॉ शरद सिंह ... ग़ज़ल

Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh

स्याह रातें भले मिली हमको
फिर भी दिल का चिराग जलता है
रोशनी का हलफ़ उठाया है
ख़्वाब में आफ़ताब पलता है
- डॉ शरद सिंह

#SharadSingh #Shayari #Ghazal
#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh #दिल #स्याह #रातें #चिराग #रोशनी #हलफ़ #ख़्वाब #आफ़ताब

13 April, 2018

A Big Confusion in Saree Shoping ... Dr Sharad Singh

A Big Confusion ...
कौन-सी लूं ?
कौन सी न लूं ?
उफ् ! कोई तो मुझे सलाह दे !!! 😇😇😇

Saree Shoping ... Dr Sharad Singh
Saree Shoping ... Dr Sharad Singh
Saree Shoping ... Dr Sharad Singh
Saree Shoping ... Dr Sharad Singh
Saree Shoping ... Dr Sharad Singh



27 March, 2018

मुझे तनहाइयां प्यारी ... - डॉ शरद सिंह

Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh

 मुझे तनहाइयां प्यारी
 ----------------------
मुझे तनहाइयां प्यारी
उसे रुसवाइयां प्यारी
यक़ीं मुझ पर करेगा क्या
उसे *अय्यारियां प्यारी
- डॉ शरद सिंह


*अय्यारियां=जासूसी

#SharadSingh #Shayari #Ghazal
#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh #तनहाइयां #रुसवाइयां #अय्यारियां #यक़ीं #डॉशरदसिंह

किस्से - डॉ शरद सिंह

Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh

किस्से
------ 
किताबों के पन्नों पे सोते हैं किस्से।
पढ़े कोई उनको क्या होते हैं किस्से।
भले हैं, बुरे हैं, वो जैसे भी हों, पर,

जीवन के अनुभव संजोते हैं किस्से।
- डॉ.शरद सिंह


#किस्से #SharadSingh #Shayari #Ghazal
#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh

24 February, 2018

ज़िंदगी दिखती उदासी आजकल ... डॉ शरद सिंह

Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh


अपने ग़ज़ल संग्रह " पतझड़ में भीग रही लड़की " में प्रकाशित एक ग़ज़ल के कुछ शेर...
 
ज़िंदगी दिखती उदासी आजकल
आस्था लगती धुआं सी आजकल
कंदराएं अब भली लगाने लगीं
हो गया मन आदिवासी आजकल

निर्जला व्रत कह दिया हमने मगर
आत्मा तक है पियासी आजकल
- डॉ शरद सिंह


#SharadSingh #Shayari #Ghazal
#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh

30 December, 2017

जाने वाला साल दे गया ... डॉ शरद सिंह

Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh
जाने वाला साल दे गया
कुछ खट्टी, कुछ मीठी यादें
मेल, फोन पर संवादों की
कुछ टेढ़ी, कुछ सीधी यादें
- डॉ शरद सिंह

#SharadSingh #Poetry #MyPoetry #World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh
#जाने_वाला_साल #खट्टी #मीठी #यादें #मेल #फोन #संवाद

14 December, 2017

आकृतियां ... - डॉ शरद सिंह

Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh
आकृतियां
-------------
जाड़े की
ठिठुराती रात
देखी है
न जाने कितनी
आकृतियां
चाय के प्याले से
उठती भाप में,
जितने ख़याल
उतनी आकृतियां
कभी अच्छी,कभी बुरी
कभी प्यारी
कभी भयावह
जैसी भी हों
रहती हैं मेरे साथ
प्याली के
रीतने से पहले।
मगर रहती हैं
कुछ आकृतियां
संबंधों के
टूटने के बाद भी
चाय के धब्बों की तरह।

- डॉ शरद सिंह

#SharadSingh #Poetry #MyPoetry #World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh
#चाय #प्याली #संबंध #आकृतियां #धब्बों #रीतने #टूटने #ख़याल #अच्छी #बुरी #प्यारी #भयावह #कविता #शरदसिंह

कुहरे से ढंकी सुबह में मैं ... डॉ शरद सिंह

Dr (Miss) Sharad Singh in misty morning
Today morning I felt like hilly areas at in my city.. Due to a very deep fog & mist....
आज सुबह मैंने अपने शहर में पर्वतीय क्षेत्रों की तरह महसूस किया .. बहुत गहरी धुंध और धुंध के कारण ..
Dr (Miss) Sharad Singh in misty morning

Dr (Miss) Sharad Singh in misty morning

Dr (Miss) Sharad Singh in misty morning

Dr (Miss) Sharad Singh in misty morning

Dr (Miss) Sharad Singh in misty morning

Dr (Miss) Sharad Singh in misty morning

Dr (Miss) Sharad Singh in misty morning


08 December, 2017

जाड़ा और जंगल ... डॉ शरद सिंह

Winter ... Poetry of Dr Miss Sharad Singh
जाड़ा और जंगल
-----------------
जाड़े की
गुनगुनी धूप में नहाए
जंगल में घूमते हुए
खुद में ही खुद को
ढूंढते हुए
लगता है अच्छा
कभी-कभी यूं ही
जंगल के फूलों से मिलना
यादों की अकुलाहट छोड़ कर
डालियां पकड़ने को
बचपन-सा कूदना, उछलना
भोर से परे, शोर से परे
अलसाए ताप के छोर से परे
देते हैं एक नई ऊर्जा
जाड़ा और जंगल
चाह की हथेली में
कोई ज्यों
लिख जाए शुभ, मंगल।
- डॉ शरद सिंह


#SharadSingh #Poetry #MyPoetry #World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh
#जाड़ा #जंगल #यादों #अकुलाहट #फूलों #अलसाए #डालियां #बचपन #कूदना #उछलना #ऊर्जा #चाह  #हथेली #शुभ #मंगल #शरदसिंह #कविता

28 November, 2017

जाड़े में सुकून के पल ... डॉ शरद सिंह

Winter ... Poetry of Dr Miss Sharad Singh
जाड़े में सुकून के पल
---------------------
जाड़े में
सुकून के दो पल
रजाई, कम्बल या
शॉल में लिपटे हुए
हरगिज़ नहीं होते,
नहीं होते हैं मेरे लिए
वे दो पल
अलाव तापने वाले
या फिर
मोबाईल फोन पर बतियाते
कानों को गरमाने वाले,

एक कप चाय
और एक किताब के साथ
दुबके हुए दो पल
वही तो हैं सबसे सुकून के
मेरे लिए।
- डॉ शरद सिंह


#SharadSingh #Poetry #MyPoetry #World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh
#जाड़े #सुकून #दोपल #रजाई #कम्बल #शॉल #लिपटेहुए #हरगिज़ #अलाव #तापने #मोबाईलफोन #बतियाते #कानों  #गरमाने #एक_कप_चाय #किताब #दुबके #मेरेलिए

27 November, 2017

स्वप्न की रजाई ... डॉ शरद सिंह

Winter ... Poetry of Dr Miss Sharad Singh
स्वप्न की रजाई
----------------
जाड़े की रात ने
सांकल खटकाई
शीत भी दरारों से
सरक चली आई
पक्के मकानों में
उपले, न गोरसी
हीटर के तारों से
लाल तपन बरसी
नींद मगर चाहे
स्वप्न की रजाई
और
कम्बल के धागों में
प्रीत की कताई।
- डॉ शरद सिंह


#जाड़े_की_रात #सांकल #शीत #दरारों #मकानों #उपले #गोरसी #हीटर #लाल #तपन #स्वप्न #रजाई #कम्बल #धागों #प्रीत #कताई

21 November, 2017

जाड़े का दिन .... डॉ शरद सिंह

Winter ... Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh

जाड़े का दिन
-------------

जाड़े की धूप
और
झुरमुट-सा दिन
कुछ उदास
कुछ ठंडा
कुछ भीगा
आम के बागीचे में
कोहरे-सा
गेहूं के खेत में
धुंधलके-सा
भीत टंगे, धूल अटे
दर्पण-सा
लगता है कभी-कभी
मुट्ठी में बंद
कर्जे के
कुछ रुपयों जैसा।