न जाने दफ़्न हैं कितने ही जख़्म सीने में
लोग समझे हैं, मज़ा आ रहा है जीने में
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
#शायरी #ग़ज़ल #डॉसुश्रीशरदसिंह
#DrMissSharadSingh #Shayari #ghazal #shyarilovers #shayariofdrmisssharadsingh
मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
रंगों की कथा कहती होली की रवानी है
देखो तो हंसी मौसम पर छाई जवानी है
मिलते हैं सभी खिलकर फूलों की तरह देखो
उल्लास भरी चाहत होती ही सुहानी है
🎊🎉🎊🎉🎊🎉🎉🎉🎊🎉🎊🎉