Sharad Singh
मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
पृष्ठ
HOME
ABOUT ME
लेखिका शरद सिंह का व्यक्तित्व एवं कृतित्व
डॉ. शरद सिंह सम्मानित
मेरी कुछ ग़ज़लें
वरिष्ठ नागरिकों पर कविताएं
PHOTO
21 November, 2017
जाड़े का दिन .... डॉ शरद सिंह
Winter ... Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh
जाड़े का दिन
-------------
जाड़े की धूप
और
झुरमुट-सा दिन
कुछ उदास
कुछ ठंडा
कुछ भीगा
आम के बागीचे में
कोहरे-सा
गेहूं के खेत में
धुंधलके-सा
भीत टंगे, धूल अटे
दर्पण-सा
लगता है कभी-कभी
मुट्ठी में बंद
कर्जे के
कुछ रुपयों जैसा।
- डॉ शरद सिंह
#
SharadSingh
#
Poetry
#
MyPoetry
#
World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh
#
मेरीकविताए_शरदसिंह
#
जाड़े
#
धूप
#
झुरमुट
#
दिन
#
उदास
#
ठंडा
#
भीगा
#
आम
#
बागीचे
#
कोहरे_सा
#
गेहूं
#
खेत
#
धुंधलके_सा
#
भीत
#
धूल
#
दर्पण
#
मुट्ठी
#
कर्जे
#
रुपयों
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment