मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
कसम से...बहुत सुन्दर....:-)
कोमल..
बहुत ही लाजवाब शेर, शुभकामनाएं.रामराम.
बेहतरीन , हृदयस्पर्शी ,बधाई
बहुत खुबसूरत!!
बेहतरीन एहसास
कसम से ..
लाजवाब ....
बहुत खुबसूरत ग़ज़ल लाजबाब , मुबारक हो
बड़ी खूबसूरत गज़ल हैं कसम से |..............बहुत अच्छी गज़ल ,मीठे इमोशंस युक्त |नई पोस्ट-“प्रेम ...प्रेम ...प्रेम बस प्रेम रह जाता हैं|”
बड़ी शिद्दत से तुमको चाहते हैं हम क़सम सेवाऽहऽऽ…!आदरणीया डॉ. शरद सिंह जी ! आपका लिखा हमेशा पढ़ते रहना चाहते हैं हम... क़सम से...:)सादर शुभकामनाओं सहित...-राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत अच्छा लिखती हैं आप कसम से...आपके ब्लॉग तक आज ही पहुँच पाए हैं वैसे फेसबुक पर तो आपकी रचनाए मिलती थीं...यूँ ही लिखती रहिए..सादर शुभकामनाओं सहित,सारिका मुकेश
KYA YAHI PYAR HAI?
कसम से...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर....
:-)
कोमल..
ReplyDeleteबहुत ही लाजवाब शेर, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
बेहतरीन , हृदयस्पर्शी ,बधाई
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत!!
ReplyDeleteबेहतरीन एहसास
ReplyDeleteकसम से ..
ReplyDeleteलाजवाब ....
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत ग़ज़ल लाजबाब , मुबारक हो
ReplyDeleteबड़ी खूबसूरत गज़ल हैं कसम से |
ReplyDelete..............बहुत अच्छी गज़ल ,मीठे इमोशंस युक्त |
नई पोस्ट-“प्रेम ...प्रेम ...प्रेम बस प्रेम रह जाता हैं|”
बड़ी शिद्दत से तुमको चाहते हैं हम क़सम से
वाऽहऽऽ…!
आदरणीया डॉ. शरद सिंह जी !
आपका लिखा हमेशा पढ़ते रहना चाहते हैं हम...
क़सम से...
:)
सादर शुभकामनाओं सहित...
-राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत अच्छा लिखती हैं आप कसम से...
ReplyDeleteआपके ब्लॉग तक आज ही पहुँच पाए हैं वैसे फेसबुक पर तो आपकी रचनाए मिलती थीं...
यूँ ही लिखती रहिए..
सादर शुभकामनाओं सहित,
सारिका मुकेश
KYA YAHI PYAR HAI?
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