Dr (Miss) Sharad Singh |
ग़ज़ल
ये किसका अफ़साना है
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
उसने जाने क्या समझा है, उसने जाने क्या माना है?
मैंने तो कुछ किया नहीं है, फिर ये किसका अफ़साना है?
सिर्फ़ रात को नहीं टूटते, दिन में भी गिरते हैं तारे
सूरज वाले आसमान पर उनका भी आना-जाना है।
सब अपने-अपने हिस्से के दुख-सुख झेल रहे सदियों से
जीवन फिर भी बुनता रहता, रिश्तों का ताना-बाना है।
अफ़वाहों की गर्म हवा में सच्चाई ही झुलसा करती
सबके अपने मानक ठहरे, सबका अपना पैमाना है।
उसकी शोहरत उसे मुबारक़, मेरी गुमनामी मुझको
इस दुनिया के रंचमंच पर, अभिनय करना, खो जाना है।
‘शरद’ धूप की नरमाहट को गले लगाये बैठी है जो
इसी धूप को अगले मौसम, शोला-शोला हो जाना है।
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(मेरे ग़ज़ल संग्रह 'पतझड़ में भीग रही लड़की' से)
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अफ़वाहों की गर्म हवा में सच्चाई ही झुलसा करती
ReplyDeleteसबके अपने मानक ठहरे, सबका अपना पैमाना है।
उसकी शोहरत उसे मुबारक़, मेरी गुमनामी मुझको
इस दुनिया के रंचमंच पर, अभिनय करना, खो जाना है।
बहुत ख़ूब....
हार्दिक धन्यवाद वर्षा दी 🌹🙏🌹
Delete'अफ़वाहों की गर्म हवा में सच्चाई ही झुलसा करती, सबके अपने मानक ठहरे, सबका अपना पैमाना है'। बहुत सुंदर ग़ज़ल शरद जी ।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद जितेन्द्र माथुर जी 🌹🙏🌹
Delete
ReplyDeleteसिर्फ़ रात को नहीं टूटते, दिन में भी गिरते हैं तारे
सूरज वाले आसमान पर उनका भी आना-जाना है।
सब अपने-अपने हिस्से के दुख-सुख झेल रहे सदियों से
जीवन फिर भी बुनता रहता, रिश्तों का ताना-बाना है। ..सच आपकी ग़ज़ल रिश्तों के हर ताने बाने को समझा गई..सुन्दर रचना..
दिली शुक्रिया जिज्ञासा सिंह जी 🌹🙏🌹
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 10 फरवरी 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteपम्मी सिंह.'तृप्ति'जी,
Delete"पांच लिंकों का आनन्द" में मेरी ग़ज़ल को शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार 🌹🙏🌹 - डॉ शरद सिंह
सारे शेर उम्दा
ReplyDeleteखूबसूरत ग़ज़ल
बहुत-बहुत धन्यवाद विभा रानी श्रीवास्तव जी 🌹🙏🌹
Deleteउसकी शोहरत उसे मुबारक़, मेरी गुमनामी मुझको
ReplyDeleteइस दुनिया के रंचमंच पर, अभिनय करना, खो जाना है।
बेहतरीन लेखन..
प्रणाम
दिली शुक्रिया 🌹🙏🌹
Deleteशरद जी बहुत सुंदर सृजन
ReplyDeleteजीवन की विसंगतियों पर सुंदर असरार।
हार्दिक धन्यवाद कुसुम कोठारी जी 🌹🙏🌹
Deleteकोमलता भरी नरमाहट ...
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