मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
बहुत उम्दा प्रस्तुति,आभार Recent Post : अमन के लिए.
जब स्थिति ऐसी आती है तो पाठ अपने आप याद हो जाता है ...उम्दा शेर ...
उम्दा, बेहतरीन !
बहुत बेहतरीन, हीर होने का अलौकिक आनंद ही तब है जब साथ में रांझा भी उसी स्तर का हो.रामराम.
बहुत खूब..
बहुत उम्दा प्रस्तुति,आभार
ReplyDeleteRecent Post : अमन के लिए.
जब स्थिति ऐसी आती है तो पाठ अपने आप याद हो जाता है ...
ReplyDeleteउम्दा शेर ...
उम्दा, बेहतरीन !
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन, हीर होने का अलौकिक आनंद ही तब है जब साथ में रांझा भी उसी स्तर का हो.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत खूब..
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