मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 3.1.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3205 में दिया जाएगा धन्यवाद
बहुत सुन्दर शरद जी !खुशियों की ही अगर बरसात हो तो फिर उस में भीगने में ही मज़ा आता है. अच्छा है कि छाता खरीदने के पैसे भी बचे. और चमकता दिन होगा, चमकती रात होगी, तो अपने गौगल्स सिर्फ़ सोते वक़्त उतारेंगे.
हार्दिक धन्यवाद गोपेश जी!नववर्ष मंगलमय हो!!!
बहुत सुंदर शुभकामनाएं
हार्दिक धन्यवाद ज्योति खरे !नववर्ष मंगलमय हो!!!
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 3.1.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3205 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
बहुत सुन्दर शरद जी !
ReplyDeleteखुशियों की ही अगर बरसात हो तो फिर उस में भीगने में ही मज़ा आता है. अच्छा है कि छाता खरीदने के पैसे भी बचे.
और चमकता दिन होगा, चमकती रात होगी, तो अपने गौगल्स सिर्फ़ सोते वक़्त उतारेंगे.
हार्दिक धन्यवाद गोपेश जी!
Deleteनववर्ष मंगलमय हो!!!
बहुत सुंदर
ReplyDeleteशुभकामनाएं
हार्दिक धन्यवाद ज्योति खरे !
Deleteनववर्ष मंगलमय हो!!!