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15 June, 2025

वे थे मेरे पिता, याद आती है उनकी - डॉ (सुश्री) शरद सिंह | Father's Day 2025

बचपन में ही छूट गई थी उंगली जिनकी 
वे  थे  मेरे  पिता, याद   आती है उनकी 
धुंधली-सी स्मृतियां ही हैं अब तो बाकी 
सदा कमी पाई  अपने जीवन में उनकी
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

#FathersDay2025 ... 
जब मैं मात्र 2 वर्ष की थी, तब मेरे पिताजी श्री रामधारी सिंह जी का निधन हो गया था... मुझे उनके स्पर्श का... उनके स्नेह  का स्मरण भी नहीं है... बस, मां बताया करती थीं कि वे हम दोनों बहनों को बहुत प्यार करते थे....

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