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28 July, 2018

शमा बन कर जला जब दिल ... डॉ शरद सिंह ... ग़ज़ल

Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh
शमा बन कर जला जब दिल
उजाला  तब   हुआ   हासिल
अंधेरों   से  ये  अब   कह दो
वो   न  बन  पाएंगे   क़ातिल
- डॉ शरद सिंह

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