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01 August, 2018

जब निग़ाहें बात करती हैं ... डॉ शरद सिंह

Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh

कई खामोशियां लफ़्जों के बदले काम करती हैं
लबों का काम ही क्या जब निग़ाहें बात करती हैं
- डॉ शरद सिंह

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