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25 July, 2018

ख़्वाब में आफ़ताब पलता है ... डॉ शरद सिंह ... ग़ज़ल

Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh

स्याह रातें भले मिली हमको
फिर भी दिल का चिराग जलता है
रोशनी का हलफ़ उठाया है
ख़्वाब में आफ़ताब पलता है
- डॉ शरद सिंह

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