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04 May, 2024

शायरी | वैशाख के दिन | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

तप  रहे वैशाख  के  दिन  दाह देते
कट चुके वो पेड़, जो अब छांह देते
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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2 comments:

  1. सुंदर इस तीखी धूप से बचने के लिए वृक्ष चाहिए

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  2. निःसंदेह!
    प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद 🙏

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