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19 August, 2023

शायरी | नींद के गांव में | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

रतजगा  हो  गया  नींद के गांव में
याद अंगार बन कर  दहकती रही
नीम ख़ामोश गलियां रही देखतीं
एक परछाई  यूं  ही भटकती रही
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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