पृष्ठ

24 May, 2023

शायरी | हमारी भूल थी | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

अर्ज़ है -
वो बेगानों सा मिलता है बिना शर्मिंदगी के अब
हमारी भूल थी, उसको जो अपना मान बैठे थे
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

#शायरी #ग़ज़ल #डॉसुश्रीशरदसिंह
#DrMissSharadSingh #ShayariOfDrMissSharadSingh
#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh #बेगानों #मिलता #शर्मिंदगी #भूल #अपना 

No comments:

Post a Comment