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07 December, 2022

शायरी | तौबा कर के | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

शायरी
उसका  कोई  कैसे   अब ऐतबार करे
तौबा  कर के   धोखा जो हर बार करे
दिल से बढ़ कर दुश्मन कोई और नहीं 
जीने दे,  और  जीना  भी  दुश्वार   करे
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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