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31 January, 2021

चार क़िताबें पढ़ कर | ग़ज़ल | डाॅ (सुश्री) शरद सिंह | ग़ज़ल संग्रह | पतझड़ में भीग रही लड़की


Dr (Miss) Sharad Singh

ग़ज़ल

चार क़िताबें पढ़ कर


- डाॅ सुश्री शरद सिंह


चार क़िताबें पढ़ कर, दुनिया को पढ़ पाना मुश्क़िल है।

हर  अनजाने को  आगे बढ़,  गले लगाना मुश्क़िल है।


जब  से  उसने  मुंह  फेरा है  और  हुआ बेगाना-सा

तब से उसके  दर से हो कर आना-जाना मुश्क़िल है।


सबको  रुतबे से  मतलब है,  मतलब है ‘पोजीशन’ से

ऐसे लोगों से,  या रब्बा!  साथ  निभाना  मुश्क़िल है।


शाम ढली  तो   मेरी आंखों  से  आंसू की धार बही

अच्छा  है,  कोई  न पूछे, वज़ह  बताना  मुश्क़िल है।


रात-रात भर तारे गिनना,   बीते दिन की  बात हुई

अब तो  सीलिंग के   पंखे  से  आगे जाना मुश्क़िल है।


मन की चिड़िया पंख सिकोड़े बैठी है जिस कोटर में

‘शरद’ उसे अब तिनका-तिनका और सजाना मुश्क़िल है।

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(मेरे ग़ज़ल संग्रह ‘पतझड़ में भीग रही लड़की’ से)


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19 comments:

  1. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 01 फ़रवरी 2021 को 'अब बसन्त आएगा' (चर्चा अंक 3964) पर भी होगी।--
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव


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    1. रवीन्द्र सिंह यादव जी,
      हार्दिक आभार कि आपने मेरी ग़ज़ल को चर्चा मंच में शामिल किया है। यह मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है।
      बहुत-बहुत धन्यवाद आपको🌹🙏🌹
      - डॉ शरद सिंह

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  2. बहुत अच्छी, बहुत प्रभावी ग़ज़ल कही है शरद जी आपने । अभिनंदन ।

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    1. हार्दिक धन्यवाद जितेन्द्र माथुर जी 🙏
      मेरी पोस्ट्स पर सदा स्वागत है💐

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  3. Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद प्रतिभा सक्सेना जी 🌹🙏🌹

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  4. सबको रुतबे से मतलब है, मतलब है ‘पोजीशन’ से
    ऐसे लोगों से, या रब्बा! साथ निभाना मुश्क़िल है।

    सुंदर रचना ।
    सादर।

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    1. हार्दिक धन्यवाद सधु चन्द्र जी 🌹🙏🌹

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    1. दिली शुक्रिया यशवंत माथुर जी 🌹🙏🌹

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद गगन शर्मा जी 🌹🙏🌹

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  7. Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद अनीता सैनी जी 🌹🙏🌹

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    1. बहुत शुक्रिया शांतनु सान्याल जी 🌹🙏🌹

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  9. बहुत सुंदर खूबसूरत ग़ज़ल हर शेर मुकम्मल रेशमी एहसास के साथ।
    उम्दा।

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    1. बहुत प्यारी टिप्पणी 🙏
      हार्दिक धन्यवाद कुसुम कोठारी जी 🙏🌹🙏

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