मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
सुन्दर प्रस्तुति आदरेया-शुभकामनायें स्वीकारें-
बहुत सुंदर ..मंगल कामनाएं !
बहुत खूब,,,बढ़ियासादर !
बहुत उम्दा सुंदर प्रस्तुति,,,बीबी बैठी मायके , होरी नही सुहायसाजन मोरे है नही,रंग न मोको भाय...उपरोक्त शीर्षक पर आप सभी लोगो की रचनाए आमंत्रित है,,,,,शरद जी,अनुरोध है की अपनी एक रचना अवश्य भेजे,,,, जानकारी हेतु ये लिंक देखे : होरी नही सुहाय,
हौसला कायम रहे..
सच में हौसला बहुत जरूरी है ..बेहतरीन
बहुत प्रेरणात्मक पंक्तियां .
बहुत लाजवाब, शुभकामनाएं.रामराम.
बहुत ही जहीन भाव
atulniy-***
DEDICATED TO YOURS BEAUTIFUL LINESचिराग आँधियों में ही जलाया जाये, हौसला दिल में पालकर हर पल क्यूँ न।चलो खोजे मिलकर एक जहां ऐसा, जहाँ बुझे चिराग से चिराग जलाया जाये।।
हवा का हर झोंका आता है लौ को बुझाने के लिए हिम्मत देखो ,लौ कांपता है ,झुकता है फिर खड़ा हो जाता है latest postऋण उतार!
हौंसले का शबाब बरकरार रहे .....
सुन्दर प्रस्तुति आदरेया-
ReplyDeleteशुभकामनायें स्वीकारें-
बहुत सुंदर ..
ReplyDeleteमंगल कामनाएं !
बहुत खूब,,,बढ़िया
ReplyDeleteसादर !
बहुत उम्दा सुंदर प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteबीबी बैठी मायके , होरी नही सुहाय
साजन मोरे है नही,रंग न मोको भाय..
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उपरोक्त शीर्षक पर आप सभी लोगो की रचनाए आमंत्रित है,,,,,शरद जी,अनुरोध है की अपनी एक रचना अवश्य भेजे,,,,
जानकारी हेतु ये लिंक देखे : होरी नही सुहाय,
हौसला कायम रहे..
ReplyDeleteसच में हौसला बहुत जरूरी है ..बेहतरीन
ReplyDeleteबहुत प्रेरणात्मक पंक्तियां .
ReplyDeleteबहुत लाजवाब, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत ही जहीन भाव
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ReplyDeleteDEDICATED TO YOURS BEAUTIFUL LINES
ReplyDeleteचिराग आँधियों में ही जलाया जाये, हौसला दिल में पालकर हर पल क्यूँ न।
चलो खोजे मिलकर एक जहां ऐसा, जहाँ बुझे चिराग से चिराग जलाया जाये।।
हवा का हर झोंका आता है लौ को बुझाने के लिए
ReplyDeleteहिम्मत देखो ,लौ कांपता है ,झुकता है फिर खड़ा हो जाता है
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हौंसले का शबाब बरकरार रहे .....
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