Sharad Singh
मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
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लेखिका शरद सिंह का व्यक्तित्व एवं कृतित्व
डॉ. शरद सिंह सम्मानित
मेरी कुछ ग़ज़लें
वरिष्ठ नागरिकों पर कविताएं
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13 November, 2025
कविता | अन्न के पास बैठी कविता | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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कविता अन्न के पास बैठी कविता - डॉ (सुश्री) शरद सिंह अन्न के पास बैठी कविता सुनती है भूख की ध्वनियां, महसूस करती है खाली पेट वा...
15 October, 2025
कविता | #सच 3 - डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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कविता | #सच 3 - डॉ (सुश्री) शरद सिंह हम इतनी शिद्दत से ढूंढते रहते हैं सुख कि पता ही नहीं चलता कब न्योता दे बैठते हैं दुख ...
14 October, 2025
कविता | #सच 2 | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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कविता | #सच 2 - डॉ (सुश्री) शरद सिंह एक टूटे हुए कप की तरह खंडित ज़िन्दगी अपने वज़ूद में होती है और नहीं भी कबर्ड से कूड़ादान त...
13 October, 2025
कविता | #सच 1 | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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कविता | #सच 1 - डॉ (सुश्री) शरद सिंह डूबने के लिए एक धक्का काफ़ी है टूटने के लिए एक झटका काफ़ी है यह जानता है हमेशा डूबाने वाला ...
20 August, 2025
शायरी | तिजारत | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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अर्ज़ है- उठाना गिराना, गिराना उठाना यही खेल रचता रहा है ज़माना मुहब्बत के रिश्ते तिजारत हुए हैं सभी चाहते हैं नफ़...
2 comments:
27 July, 2025
मेरे दो दोहे - डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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मेरे दो दोहे.... तेरी आंखों से बही, भीगे मेरे गाल। अश्रु-धार करने लगी, ऐसे विकट कमाल।।1 तेरे-मेरे बीच की दूरी, सौ-सौ मील...
07 July, 2025
लिहाज़ है समझो | शायरी | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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मेरी ख़ामोशी लिहाज़ है समझो लिहाज़ उतरा तो बेपर्दा हो जाएंगे कई। - डॉ (सुश्री) शरद सिंह #डॉसुश्रीशरदसिंह #DrMissSharadSin...
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