Sharad Singh
मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
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लेखिका शरद सिंह का व्यक्तित्व एवं कृतित्व
डॉ. शरद सिंह सम्मानित
मेरी कुछ ग़ज़लें
वरिष्ठ नागरिकों पर कविताएं
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22 November, 2024
शायरी | तनहा | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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यूं अता की है ज़िंदगी तनहा, मांगने पर दिया नहीं कुछ भी। मिन्नतें की थीं ख़ूब रब तुझसे! वक़्त रहते किया नहीं कुछ भी। - डॉ (सुश्री) श...
14 November, 2024
"सांची कै रए सुनो, रामधई" - डॉ (सुश्री) शरद सिंह नयी बुंदेली गजल संग्रह
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प्रिय मित्रो, एक ख़ुशख़बरी... मेरा बुंदेली ग़ज़ल संग्रह "सांची कै रए सुनो, रामधई!" प्रकाशित हो गया है...😊 यह बुंदेली का म...
12 November, 2024
शायरी | रास्ते | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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ये लम्बे रास्ते थकते नहीं क्यों ? इन्हें मंजिल कभी मिलती नहीं क्यों? - डॉ (सुश्री) शरद सिंह #शायरी #डॉसुश्रीशरदसिंह #DrM...
1 comment:
03 November, 2024
शायरी | भरोसा | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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हर भरोसे से भरोसा उठ गया है रोज़ तेरा पैंतरा होता नया है - डॉ (सुश्री) शरद सिंह #शायरी #ग़ज़ल #डॉसुश्रीशरदसिंह #DrMissShara...
1 comment:
31 October, 2024
हम दिवाली के दिए बनकर जलेंगे.. - - डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏 घोर तम में भी न हम गुम हो सकेंगे। हम दिवाली के दिए बनकर जलेंगे । हो भले ही छल का जल खारा बहुत ...
04 October, 2024
कविता | स्त्री पाठ 1 | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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स्त्री पाठ - डॉ (सुश्री) शरद सिंह एक स्त्री में कभी पढ़ो एक स्त्री को दुर्गा सप्तशती की तरह तब एहसास होगा एक स्त्री में दे...
01 October, 2024
कविता | ख़ुद को बचा सकती थी वो | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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कविता ख़ुद को बचा सकती थी वो - डॉ (सुश्री) शरद सिंह कॉल सेंटर से देर रात ड्यूटी कर लौटती जवान लड़की कैब से उतर कर नहीं तय सकी अपन...
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