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27 July, 2025

मेरे दो दोहे - डॉ (सुश्री) शरद सिंह

मेरे दो दोहे....
तेरी आंखों से  बही, भीगे   मेरे   गाल।
अश्रु-धार करने लगी, ऐसे विकट कमाल।।1

तेरे-मेरे बीच की  दूरी,  सौ-सौ  मील।
फिर भी किरणें हैं यहां, जले वहां कंदील।।2
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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