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22 February, 2024

शायरी | याद करती हूं | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

इस घनी रात में, बस, धूप याद करती हूं
बैठ कर चांद पे, सूरज से  बात करती हूं 
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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1 comment:

  1. बहुत ख़ूब
    http://vivekoks.blogspot.com/2024/02/blog-post_23.html

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