पृष्ठ

28 January, 2024

शायरी | ज़िन्दगी मेरी | डॉ (सुश्री) शरद सिंह


मुझे ग़ुलाम समझती है ज़िन्दगी मेरी
इसीलिए तो इशारों पे नचाती है मुझे।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

#शायरी #ग़ज़ल #डॉसुश्रीशरदसिंह 
#DrMissSharadSingh #shayariofdrmisssharadsingh 
#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh #मुझे #ग़ुलाम #ज़िन्दगी #इशारों #नचाती

No comments:

Post a Comment