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25 January, 2024

कविता | एक डिग्री | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

एक डिग्री 
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धूप का स्वेटर 
बुन कर
पहना दिया है
पूस के दिन को,
उम्मीद है
बढ़ जाए
रात का पारा
एक डिग्री ।

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