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25 December, 2023

शायरी | याद की अंगीठी | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

याद की अंगीठी में जलते अंगार हैं
रिश्ते पर सर्द हैं, चुभते कुछ ख़ार हैं
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
(*ख़ार = कांटे)

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