पृष्ठ

15 December, 2023

शायरी | रात | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

रात इक स्याह परिन्दे की तरह
मेरे  घर   की  मुंडेर  पर   बैठी
उसको देखा तो याद आया कुछ
इस वज़्ह से  है  नींद भी रूठी
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

#शायरी #ग़ज़ल #डॉसुश्रीशरदसिंह 
#DrMissSharadSingh #shayariofdrmisssharadsingh 
#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh #रात #स्याह #परिन्दे #मेरे  #घर #मुंडेर #याद #वज़्ह #नींद #रूठी

No comments:

Post a Comment