पृष्ठ

17 September, 2023

शायरी | रामकहानी | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

शायरी | रामकहानी | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
कैसे लिख दें  रामकहानी, 
लिखने वाली बात नहीं।
नभ-गंगा  हैं  भीगी  आंखें, 
पानी भरी परात  नहीं। 
खण्ड काव्य न, महाकाव्य है 
और न कोई गीत-ग़ज़ल
चूड़ी  जैसी  पीर  हमारी,  
अंत नहीं, शुरुआत  नहीं।
        - डॉ (सुश्री) शरद सिंह

#शायरी #ग़ज़ल #डॉसुश्रीशरदसिंह
#DrMissSharadSingh #ShayariOfDrMissSharadSingh
#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh #रामकहानी #चूड़ी #पीर #अंत #शुरुआत

No comments:

Post a Comment