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12 July, 2023

कविता | छीलन | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

छीलन
     - डॉ (सुश्री) शरद सिंह
पेंसिल की छीलन से
बनाया करती थी
सुंदर-सुंदर फूल
पर
अब
क्या करूं
अपने मन की 
छीलन का ?
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