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20 June, 2023

शायरी | मुश्क़िल है | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

चार किताबें पढ़कर, दुनिया को, पढ़ पाना मुश्क़िल है।
हर अनजाने को आगे बढ़, गले लगाना मुश्क़िल है।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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