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19 May, 2023

शायरी | छोड़ आए हैं संदेशा | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

अर्ज़ है -
सोचता होगा, रखे वह उंगलियों को भाल पर।
छोड़ आए हैं  संदेशा,  काढ़ कर  रूमाल पर।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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