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27 May, 2023

शायरी | हलफ़ उठाती हूं | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

अर्ज़ है -
करूंगी याद नहीं,जब ये  हलफ़ उठाती हूं
तभी  मैं  याद  के  दरिया  में  डूब जाती हूं
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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