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12 May, 2023

शायरी | शाम रात की गहराई में | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

शाम    रात  की  गहराई में  खो जाएगी 
जाते - जाते  टीस  दिलों में बो जाएगी
कुछ की आंखों में सहरा की रेत दिखेगी 
कुछ की आंखों को अश्क़ों से धो जाएगी
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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