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04 April, 2023

कविता | अनुगूंज - डॉ (सुश्री) शरद सिंह

कविता 
अनुगूंज 
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

उदासी की बूंदें
टपक रही
टप-टप
मन की 
रिक्त बाल्टी में...
बूंदें छोटी 
पर 
अनुगूंज बहुत बड़ी...
कब भरेगी बाल्टी
कब थमेगी ध्वनि
पता नहीं
जीवन के दिवस में
रात का साया
कुछ ज़्यादा ही 
गहराया...
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2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 06 अप्रैल 2023 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  2. बहुत हृदयस्पर्शी...
    व्याकुल मन की मार्मिक अभिव्यक्ति।

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