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13 January, 2021

तुम याद आए मीत | डाॅ (सुश्री) शरद सिंह | नवगीत संग्रह | आंसू बूंद चुए

Dr (Miss) Sharad Singh

नवगीत

तुम याद आए मीत

- डाॅ सुश्री शरद सिंह


घाटी से

सिसकते

टेर जाए बांसुरी के गीत

        तुम याद आए मीत।


घूमते पेड़ों तले

पत्तियों पर नाम लिखते

           नेह डूबे दिन

मोर-पंखी आस्थाएं

           स्वप्न से पलछिन


चिड़ियों से 

चहकते

गुनगुनाए इक पुरानी प्रीत

         तुम याद आए मीत।



पत्थरों को डालते

झील में लहरें उठाते

            तोड़ते बन्धन

कृष्ण-राधा की कथाएं

            देखतीं दरपन


हल्दी से

महकते

छोड़ आए वस्त्र कोई पीत

          तुम याद आए मीत।

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(मेरे नवगीत संग्रह ‘‘आंसू बूंद चुए’’ से)

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2 comments:

  1. Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद जिज्ञासा सिंह जी 🌹🙏🌹

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