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25 December, 2020

शोक दिठौना | डाॅ (सुश्री) शरद सिंह | नवगीत | संग्रह - आंसू बूंद चुए

Dr (Miss) Sharad Singh

शोक दिठौना

 - डाॅ (सुश्री) शरद सिंह

सुख के माथे

शोक दिठौना

लगता है दिन बौना-बौना।


घर भीतर

रनिवास सिसकता

खाली ज़ेबें 

हाट कसकता


सूना चौका

रिक्त भगोना

भूखी गौ का मरियल छौना।


कथरी की 

सीवन भी चटकीं

थकी उम्मींदें

दर-दर भटकीं


हाथ लगा है 

जिया करोना

हरी दूब पर बांझ बिछौना।


आंखों में 

जाले आ सिमटे

फटे पांव से 

जंगल लिपटे


ये तो क़िस्मत-

का है टोना

लहर खिलाड़ी, नाव खिलौना।

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(मेरे नवगीत संग्रह ‘‘आंसू बूंद चुए’’ से)

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Shok Dithona - Dr (Miss) Sharad Singh, Navgeet, By Ansoo Boond Chuye - Navgeet Sangrah



2 comments:

  1. बहुत सुन्दर नवगीत प्रस्तुति

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    1. हार्दिक धन्यवाद कविता रावत जी 🌹🙏🌹

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