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19 December, 2019

बहानों के बादल में ... ग़ज़ल... डॉ शरद सिंह


बहानों के बादल में छुपता रहा वो
है बारिश का सूरज, मुझे पता न था
- डॉ शरद सिंह

3 comments:

  1. Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद कुसुम कोठारी जी !!!

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  2. अनीता लागुरी'अनु' जी, आपने 20.12.2019 के चर्चा अंक-3555 में मेरी पोस्ट को शामिल किया था जिसके लिए मैं आपकी हृदय से आभारी हूं। इन्दौर लिटरेचर फेस्टिवल में स्पीकर के रूप में व्यस्तता के कारण मैं चर्चा अंक पर विलम्ब से पहुंच पाई। आशा है अन्यथा नहीं लेंगी। पुनः आभार मेरी पोस्ट को सुधी पाठकों तक पहुंचाने के लिए!!

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