सूरत हादसा .... भावभीनी श्रद्धांजलि...
वे अभी बच्चे ही तो थे
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व्यवस्था की अनदेखी ने
बनने दिया था उनके लिए
लाक्षागृह
जिसमें नहीं था कोई गुप्तद्वार
वे जलते रहे
और मुंहचुराती रही व्यवस्था
अवैध निर्माण के नीचे
वे अभी बच्चे ही तो थे
भविष्य के सुनहरे सपनों से भरे हुए।
- डॉ शरद सिंह