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18 April, 2019

एक आवाज़ मेरे कानों से ... (नज़्म) - डॉ शरद सिंह

Ek Aawaz ... Nazm of Dr (Miss) Sharad Singh

नज़्म
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एक आवाज़ मेरे कानों से
आ के बेसाख़्ता लिपटती है
कोई आता हुआ सा लगता है
एक अंगार खुद सुलगता है
फिर उदासी की बर्फ़ गलती है
और धड़कन भी फिर फिसलती है ....
- डॉ शरद सिंह

4 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 18/04/2019 की बुलेटिन, " विश्व धरोहर दिवस 2019 - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    1. ‘ब्लॉग बुलेटिन’ में मेरी पोस्ट साझा करने के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद एवं आभार शिवम मिश्रा जी !

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  2. लाज़वाब लाज़वाब अभिव्यक्ति...

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    1. हार्दिक धन्यवाद कैलाश शर्मा जी !

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