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05 March, 2019

इन दिनों कुछ सुकूं-सा रहता है .. डॉ शरद सिंह .. ग़ज़ल

 
Ghazal of Dr ( Miss) Sharad Singh

अर्ज़ है -
इन दिनों कुछ सुकूं-सा रहता है
मुझसे मेरा ही दिल ये कहता है
उसकी चाहता के नूर का दरिया
मेरी आंखों से हो के बहता है
- डॉ शरद सिंह

6 comments:

  1. बहुत सुंदर पँक्तियाँ।
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
    iwillrocknow.com

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  2. हार्दिक धन्यवाद नितीश तिवारी जी!
    आपका ब्लाग देखा, अच्छी शायरी करते हैं आप!
    शुभकामनाएं!!!

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  3. ..सुंदर पँक्तियाँ ।
    नई पोस्ट - लिखता हूँ एक नज्म तुम्हारे लिए
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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    1. हार्दिक धन्यवाद संजय जी ...

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  4. लाजवाब ... किसी का नूर किसी के शब्द ... बहुत जानदार ...

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    1. हार्दिक धन्यवाद दिगम्बर नास्वा जी ...

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