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21 March, 2019

'शरद' हो रंग की बौछार - डॉ शरद सिंह

Holi Ghazal by Dr (Miss) Sharad Singh

बजे हैं ढोल, मंजीरे कि गायी जा रही फागें
लगे है आज तो ये जग ही पूरा देश होली का

'शरद' हो रंग की बौछार या हो प्रेम की तकरार
कभी होता नहीं कोई हृदय पर क्लेश होली का
- डॉ शरद सिंह

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