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03 March, 2019

जो लहज़ा नर्म हो तो ... डॉ शरद सिंह .. ग़ज़ल

Ghazal of Dr ( Miss) Sharad Singh

ग़ज़ल
जो  लहज़ा   नर्म   हो   तो,
बात सबको भा ही जाती है
नज़ाकत   आ  ही  जाती है,
शराफ़त    आ  ही  जाती है
- डॉ शरद सिंह

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