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12 September, 2018

ज़िन्दगी चढ़ाव है, उतार है - डॉ. शरद सिंह

Shayari of Dr Sharad Singh
ज़िन्दगी  चढ़ाव है,   उतार है
रंज़िश के बीच छुपा  प्यार है
मंदिर की सीढ़ियां सिखाती हैं
मिथ्या  हर जीत और  हार है
- डॉ. शरद सिंह


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