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15 December, 2017

हैशटैग कम्बल ... डॉ शरद सिंह

Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh

#कम्बल
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जाड़े की रात
पढ़ती है
कम्बल की पाती
गरमाते आखर के
कुछ ताने, कुछ बाने
बुनते हैं
नेह के बहाने,
उस पर
फिर
यादों से
यादों को जोड़ते
हैशटैग चौखाने
कम्बल के ।

- डॉ शरद सिंह

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