Sharad Singh
मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
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23 March, 2017
साथ मेरे रह रहा है ...
Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh
मेरी अांखों को जाने ख़्वाब कैसा दिख रहा है
सुलगती रेत में भी एक दरिया बह रहा है
परिंदे उड़ रहे हैं तोड़ कर पिंजरों के ताले
वो मुझसे दूर हो कर साथ मेरे रह रहा है
- डॉ शरद सिंह
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Shayari
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SharadSingh
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