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16 March, 2015

पूरा पका रिश्ता ....

A poem by Dr (Miss) Sharad Singh

3 comments:

  1. शानदार और संवेदनशील

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  2. संवेदना का बहाव गरम हो तो झुलसा देता है ...

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  3. आदरणीया शरद जी आज एक लम्बे अरसे के बाद आप की रचना को पढने का मौका मिला ,,गागर में सागर आपकी रचनाओं की बिषे शताहै आज की रचना भी कमाल की है ..हार्दिक बधाई के साथ सादर

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