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27 March, 2014

मेरी स्मृतियां...

A poem of Dr Sharad Singh


My memories...

The river of my memories
is drying
Nobody listen my tales stories
Grandchildren - granddaughters
do not need me
They have
there TV, video
because I'm a ‘Old dated’ !
My memories will sleep with me
One day before dawn ...
- Dr Sharad Singh

7 comments:

  1. कहने भर से कितनी बातें बह जाती हैं।

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  2. कहानियों मे आज भी राजा रानी है
    तुम्हारी स्मृतियों मे आज भी छू छू चिड़िया है
    जो कभी आउट डेटेड नहीं हो सकतीं॥ मार्मिक पंक्तियाँ

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  3. हकीकत कहती भावपूर्ण रचना...

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  4. ''मैं तो ओल्ड डेटेड हूँ''
    क्या खूब मर्म को उखेड़ा है आपने बहुत उत्कृष्ट तौर पे आप आज समाज में हो रहे वृद्धों पे अत्याचार को उजागर कर रही है वो भी उस अवस्था में जाकर। आपकी लेखनी को नमन करते हुए
    आदरणीय जनाब ''मुनव्वर राणा'' साहब जी का शे'र याद आ रहा है
    ''तुम्हारी महफ़िलों में हम बड़े बूढ़े ज़रूरी हैं,
    अगर हमीं नहीं होंगे, तो पगड़ी कौन बाँधेगा।

    एक नज़र :- हालात-ए-बयाँ: ''कोई न सुनता,'अभी' जो बे-सहारे हैं''

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  5. ये कैसी विडम्बना है...?

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  6. हर सुखी नदी की ये ही कहानी....है ये रीत भी सदियों पुरानी !

    ये जीवन है ........

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