पृष्ठ

15 March, 2014

ओ मेरे रंगों ...

A poem of Dr Sharad Singh


O My Colors !
Oh my colors
Where are you
You've taken away my loved ones
My dreams are crushed
I ignored
Thrown into a corner
Like an empty Pichakari (color water gun)
I am now useless
Oh my colors ! I remember you too much...
- Dr Sharad Singh

9 comments:

  1. होली की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  2. उम्दा प्रस्तुति...!
    होली की हार्दिक शुभकामनायें ।
    RECENT POST - फिर से होली आई.

    ReplyDelete
  3. नहीं कोई जन अनुपयोगी,
    उसकी गति भी सार्थक होगी।

    ReplyDelete

  4. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन संदीप उन्नीकृष्णन अमर रहे - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    ReplyDelete
  5. आज सब को साथ लेलो ,
    तन न केवल,
    मन रँगे
    ऐसे सुरीले रंग घोलो !

    ReplyDelete
  6. मन भर आया.....
    काश कोई रंग भरे इनकी जीवन में भी......

    सादर
    अनु

    ReplyDelete
  7. सुंदर रचना...रंगों से सराबोर होली की शुभकामनायें...

    ReplyDelete
  8. संवेदनाएं भरी अभिव्यक्ति ... होली कि बधाई ...

    ReplyDelete