मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
बहुत सुन्दर..:-)
खुबसूरत शे'र !यादें तो होती ही याद करने को हैं .....उनको भुलाना भी ....याद करने का इक बहाना है :-)शुक्रिया आपके आने का !
वाह.. बहुत खुबसूरत !!
वाह, सुन्दर..
बहुत ही लाजवाब, शुभकामनाएं.रामराम.
वाह... सुन्दर अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
kya baat...kya baat...kya baat...
बहुत सुन्दर …
बहुत सुन्दर..
ReplyDelete:-)
खुबसूरत शे'र !
ReplyDeleteयादें तो होती ही याद करने को हैं .....
उनको भुलाना भी ....याद करने का इक बहाना है :-)
शुक्रिया आपके आने का !
वाह.. बहुत खुबसूरत !!
ReplyDeleteवाह, सुन्दर..
ReplyDeleteबहुत ही लाजवाब, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
वाह... सुन्दर अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeletekya baat...kya baat...kya baat...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर …
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