मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
लाजवाब मोहक शब्द-संयोजन ! वाह !
behtreen
बहुत सुन्दर...:-)
इनके पीछे न चलो,इनकी तम्मना न करो,साए फिर साए है,कुछ देर में ढल जायेगे,,!recent post...: अपने साये में जीने दो.
बेहद उम्दा.
बहुत ही सुन्दर..
लाजवाब मोहक शब्द-संयोजन ! वाह !
ReplyDeletebehtreen
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDelete:-)
इनके पीछे न चलो,इनकी तम्मना न करो,
ReplyDeleteसाए फिर साए है,कुछ देर में ढल जायेगे,,!
recent post...: अपने साये में जीने दो.
बेहद उम्दा.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर..
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