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16 August, 2017

फुर्सत के पल ... Free Time

Dr (Ms) Sharad Singh
Dr (Ms) Sharad Singh
Dr (Ms) Sharad Singh
Dr (Ms) Sharad Singh
Dr (Ms) Sharad Singh
Dr (Ms) Sharad Singh
Dr (Ms) Sharad Singh

15 August, 2017

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!!

सदा रहे आंखों में अपनी स्वतंत्रता का सपना
उस सपने के मूर्त्तरूप में रहे तिरंगा अपना
Happy Independence Day by Dr Sharad Singh

Happy Independence Day  !!!

09 August, 2017

तुम और मैं ... डॉ शरद सिंह

Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh

तुम और मैं
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पृथ्वी घूमती है
सूर्य के गिर्द
सूर्य घूमता है अपनी ही धुरी में
आकाशगंगा के दूधिया झुरमुट के बीच
पहचानता हुआ
अपनी पृथ्वी को
पृथ्वी जो डूबी है प्रेम में
सूर्य के ताप से
जल जाने के भय को भुला कर
बिसर जाती हैं सारी बाधाएं, सारे कष्ट
प्रेम में पड़ कर
देख लो, खुद को
तुम और मैं
अपनी-अपनी धुरी में घूमते
सूर्य और पृथ्वी ही तो हैं।
 

- डॉ शरद सिंह

08 August, 2017

वह प्रेम है ... डॉ शरद सिंह

Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh

वह प्रेम है
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वह
इतना हल्का भी नहीं
कि उड़ जाए हवा में
इतना भारी भी नहीं
कि पैंठ जाए तलछठ में
वह
भटकता नहीं
चाहे लोग उसे भटकाव ही मानें
वह जलता नहीं
चाहे उसे आग का दरिया ही मानें
वह
एक अहसास है
कोमल, पवित्र
मानो धूप और चांदनी

वह
प्रेम है
मत उछालो उसे फ़िकरे-सा
यहां-वहां
प्रेम की अवमानना से बड़ा अपराध
कोई नहीं।

- डॉ शरद सिंह

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