Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh |
सोहणी की किस्मत में
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वही आकर्षण, वही प्यार
वही सपनों का संसार
वही सीपी-सा गोपन, वही मोती-सा आब
वही समय की धारा, वही उफनती चिनाब
वही आंधी, वही तूफान
वही पानी, वही ढहता मकान
वही दुनिया, वही रीत-रिवाज़
वही कल था वही आज
वही ईर्ष्या, वही जलन
वही चाह की तपन
वही माही से मिलने को मन अड़ा
वही हाथ आया कच्चा घड़ा
डूबना ही तो है लिखा है
सोहणी की किस्मत में
फर्क़ सिर्फ़ इतना -
कि इस बार घड़ा बदला है
किसी और ने नहीं
खुद माही ने !